हफ़्तों पहले की बात थी जब
तू ने दी दस्तक ख़बरों से
सब निहारते रहे आसमां
पुष्प भी पूछे भवरों से
की कब तू आएगा मेरे आँगन
उमीदों के शहरों से
मुक्त करेगा धरती को
सूखे-आकाल के पहरों से
फिर तू आया
खुशियाँ लाया
खेतों में दिखी
खुशियों की छायाa
और अब तेरी ही बदौलत
बूंदों से भरा फिर आँगन है
बूंदों से भरा फिर आँगन है
तू सबका मेहमान था
पर तू ने की ख़ातिरदारी
कुछ पल तू सबके साथ रहा
फिर वापस जाने की तैयारी
चाहे ये आसमा की तू ठहरे
फिर है ये गुज़ारिश लहरों की
कहीं और न जा अब तू रुक जा
ये दुआ है साँझ-दोपहरों की
पर अब तुझको जाना ही है
कहीं और है तेरा इंतज़ार
जो न पहुँचा तू वहाँ अगर
वो रहेंगे फिर तो बेकरार
छोड़ के भीगी सी यादें
कहता ये अलविदा सावन है
कहता ये अलविदा सावन है
तू ने दी दस्तक ख़बरों से
सब निहारते रहे आसमां
पुष्प भी पूछे भवरों से
की कब तू आएगा मेरे आँगन
उमीदों के शहरों से
मुक्त करेगा धरती को
सूखे-आकाल के पहरों से
फिर तू आया
खुशियाँ लाया
खेतों में दिखी
खुशियों की छायाa
और अब तेरी ही बदौलत
बूंदों से भरा फिर आँगन है
बूंदों से भरा फिर आँगन है
तू सबका मेहमान था
पर तू ने की ख़ातिरदारी
कुछ पल तू सबके साथ रहा
फिर वापस जाने की तैयारी
चाहे ये आसमा की तू ठहरे
फिर है ये गुज़ारिश लहरों की
कहीं और न जा अब तू रुक जा
ये दुआ है साँझ-दोपहरों की
पर अब तुझको जाना ही है
कहीं और है तेरा इंतज़ार
जो न पहुँचा तू वहाँ अगर
वो रहेंगे फिर तो बेकरार
छोड़ के भीगी सी यादें
कहता ये अलविदा सावन है
कहता ये अलविदा सावन है
No comments:
Post a Comment