Friday, November 12, 2010

तेरा ये पुत्र आभारी है


I love my nation and i express my love and faith in this way.

मेरी वो माँ है जिसका,
हिम जैसा है मस्तक। 
दूर से आती सूरज की किरणें,
उसपे देती हैं दस्तक। 
तू देवी है हर मंदिर की। 
तेरा पुत्र पुजारी है। 
मुझपे फ़ैले तेरे आँचल का,
तेरा ये पुत्र आभारी है। 

पावन गंगा की है सौगंध,
न तुझे कभी रोने देंगे। 
तेरी रक्षा में जाग रहे,
पहरेदारों को न सोने देंगे। 
तेरी जय जयकार करे,
वो शिक्षक या व्यापारी है। 
मुझपे फ़ैले तेरे आँचल का,
तेरा ये पुत्र आभारी है। 

तेरी मिट्टी में हम जन्मे,
हमको इस मिट्टी पे गर्व। 
सजा के तुझको रखेंगे,
हो मेला या कोई पर्व। 
तेरे कहने पे तत्पर हैं, 
ये पुत्र तो आज्ञाकारी है। 
मुझपे फ़ैले तेरे आँचल का,
तेरा ये पुत्र आभारी है। 

तेरे चरणों में शीष झुकाऊं,
तेरी जयजयकार करूँ। 
तेरी रक्षा में अस्त्र उठाऊं,
तेरे ही आँचल में मरूं। 
तुझको हम आज़ाद करेंगे। 
अब ये शपथ हमारी है। 
मुझपे फ़ैले तेरे आँचल का,
तेरा ये पुत्र आभारी है। 


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