Wednesday, March 28, 2012

एक तू ही है मेरा हमसफ़र - to my life

 गिरते संभलते
यूं ही चलते चलते 
तूने है जीना सिखा दिया 
राहों में मेरे 
थे जब भी अँधेरे 
तूने है रस्ता दिखा दिया 
एक तू ही है मेरा हमसफ़र 
एक तू ही है मेरा हमसफ़र 

चलने से पहले पूछा जो खुद से 
क्यों है तू अकेला राहों में  
फिर तेरी पनाहें मुझे मिली  
तूने है थामा फिर बाहों में 
मुश्किलों का जैसे है एक समंदर 
न दिखता है मुझे अब किनारा 
बस एक तुझपे है मुझे भरोसा 
बस एक तेरा ही है सहारा 
तुझको मैं चाहूँ हर एक सहर 
एक तू ही है मेरा हमसफ़र

4 comments:

  1. sunder rachna,jeewan ke liye sarthak soch darshati huii.badhaii

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  2. BAHUT BAHUT DHANYAWAAD. AAPKE COMMENTS SE HUMAARI RACHNA KO AUR MAHATVAPOORN BANAATI HAIN :)

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  3. Lovely... every verses are juz perfect.. grt work

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