कहते हैं कि तन मन धन
भारत माता को है अर्पण
कितना सच है ये हमें पता है
कितना सच है ये तुम्हे पता है
हमने देखा एक नया भारत
सन सत्तावन की कुर्बानी में
देश की हमने लाज बचाई
सरहद पे लड़े जवानी में
कहते हैं अब हमपे न
कोई आँख उठाएगा
संसद में बैठा हर कोई
देश की लाज बचाएगा
कितना सच है ये हमें पता है
कितना सच है ये तुम्हे पता है
सबने की वर्षों मेहनत
फिर संविधान बनाया था
विद्वानों ने तब जाकर
ये भ्रष्ट तंत्र दफनाया था
कहते हैं भारत पे हम अब
प्रजा का राज चलाएंगे
देश में साक्षरता और उन्नति
का हम दीप जलाएंगे
कितना सच है ये हमें पता है
कितना सच है ये तुम्हे पता है
आधा पैसा वो खाते हैं
फिर बाकी हम सब पाते हैं
जांच भी बैठे तो ये सारे
साफ़ बरी होके आते हैं
भ्रष्ट सभी यहीं बसते हैं
कहके सब हमपे हसते हैं
कहते हैं की न्याय मिलेगा
प्रयास अभी भी जारी है
बहुत हो गयी तानाशाही
अब प्रजातंत्र की बारी बारी है
कितना सच है ये हमें पता है
कितना सच है ये तुम्हे पता है
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