Thursday, August 30, 2012

The Red Demon

 No, its not animated. Its made on the paint-brush platform, used by me. It involved the use of curves and, obviously, my imagination.

Tuesday, August 28, 2012

O Meri Jaan by me



Its me performing the song O Meri Jaan from movie Life in a Metro. I am whole-heartily thankful to my friends Abhishek Singh Bhadauriya, Rituraj Sinha, Vinay Singh and all others who supported me in the whole perfromance.

Wednesday, August 22, 2012

Kissing the Road

 I was not driving. But I found this scene awesome, when the clouds kiss the sky and the tyres kiss the road. This is the journey all about.

Tuesday, August 21, 2012

न तू लौट के आएगा

The whole poem is about time. If we respect it, we are the winner and if we don't care, we are the ultimate loser. 

जब पास तू मेरे होता है 
मैं खुशकिस्मत सा रहता हूँ 
तू है अब मेरी मुट्ठी में 
इसी सोच में बहता हूँ 
तुझको कोई भी रोक न पाया 
अपनी रफ़्तार से चलता है  
निकल गया जो हाथ से तो 
बेबस ये हाथ ही मलता है 
तू जो मेरे साथ में होता 
सारा जहां ये मेरा होता 
पर न तू लौट के आएगा 
न तू लौट के आएगा 

तू अपनी मर्ज़ी का मालिक 
तुझपे किसी का ज़ोर नहीं 
तुझसे ही दुनिया चलती है 
पर तेरा कोई छोर नहीं 
बंद मुठी में रेत के जैसा 
हाथों में तू रहता है 
जब फिसल गया तू हाथ से मेरे 
फिर मुझसे ये कहता है 
तू मेरी परवाह करे पर 
न मुझको परवाह कोई 
जब भी मैं तुझसे दूर गया 
तेरी आँखें अक्सर रोयी  
तू जो मेरे हाथ में होता 
मैं न अपनी हार पे रोता 
पर न तू लौट के आएगा 
न तू लौट के आएगा 



Friday, August 17, 2012

Minutes Before Brightness

The photo was clicked by me at 5 am in the morning.This was my room in the hostel. As it was shot minutes before morning, I have given it title "Minutes Before Brightness"

Sunday, August 12, 2012

Art in Destruction

A unique texture. Through this picture, I could understand that even a destructed thing has a hidden art in it. This was too clicked by my Corby mobile.

Wednesday, August 08, 2012

अकेला राही


न अकेला था कभी 
जब साथ थे मेरे कई 
ज़िन्दगी की पहलुओं की 
थी सभी बातें नयी 
क्या पता था कि तभी 
एक मोड़ ऐसा आएगा 
जिसपे मेरा जिस्म
खुद को ही अकेला पायेगा 

उनके वादे थे कई 
जिनमे कि वो कुछ कह गए 
उन वादों क़ी कश्ती में बैठे
हम कोसों पीछे रह गए
सोचा न था मैंने भी कि
एक पल भी ऐसा आयेगा
साथ का मेरा ये साया
ग़ुम कहीं हो जाएगा

अब न किसी का इंतज़ार
ये सोच आगे चल पड़ा
न देखूं रस्ता उसका जो
था साथ मेरे कल खड़ा
न उम्मीदें हैं मुझे
कि साथ कोई आएगा
मीलों सफ़र के बाद फिर
अम्बर नया मिल जाएगा