Monday, April 29, 2013

Even in Even-ing


Few lines that remind me of the sun:
you are the one who will never tire
and will always stand to spark the fire
be it the rise of morning
or sunset of the evening
 every moment of the day is equal 
when you dispel the odds to evening (making equal).

Thursday, April 18, 2013

इंतज़ार है उस दिन का

है अन्धकार से भरा आसमां 
दिखती न सुबह की लाली है 
टिम टिम करते तारे फिर भी 
रात की चादर काली है 

थक हार के फिर मैं बैठ गया 
और सुबह की राह भी ताकूँ मैं 
पलकें अब चुप हैं सोच के कि 
सुबह न आने वाली है 

लेकिन ये तोड़ेंगी खामोशी 
क्योंकि इन्हें सबकुछ कहना है 
कब अर्ज़ ये बातों को 
इंतज़ार है उस दिन का 
हाँ, इंतज़ार है उस दिन का 

आगे बढ़ने से पहले भी 
था कुछ लोगों का साथ मिला 
पर संग मेरे न चल सके 
ऐसा था उनका काफ़िला 

था उन्हें आगे चलना फिर भी 
संग चलने की गुज़ारिश की 
सब की मंजिल पर एक न थी 
टूटा फिर साथ का सिलसिला 

लेकिन मैं ज्यादा दूर नहीं 
कुछ दूर ही अब तो चलना है 
कब फतह करूँ मंजिल अपनी 
इंतज़ार है उस दिन का 
अब इंतज़ार है उस दिन का