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बाग़ी अल्फ़ाज़
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Saturday, May 11, 2024
शायद अगली तारीख़ पर
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कुछ तीस बरस पहले यूँ हुआ, ग़बन का झूठा इल्ज़ाम लगा। खेल था कुछ सफ़ेदपोशों का, उसका बेमतलब नाम लगा। खो बैठा वो अपना सब-कुछ, सबकी नज़रों से उतर...
Wednesday, October 25, 2023
मन मेरा यूं करता है
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मन मेरा यूं करता है, मैं हवा से अब तो बात करूँ तेरे संग दिन को रात करूँ पथरीली मुश्किल राहों को तेरे कदमों से आघात करूँ। मन मेरा यूं करता ह...
Tuesday, January 03, 2023
वो वीर सपूत थे भारत के
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पश्चिम का ही परचम था। उम्मीद का दीपक मद्धम था। जो गीत रचे नए कल के आज़ादी का ही सरगम था। ख़ुदगर्ज़ नहीं वो रहा कभी, जब आहुति देनी पड़ी। अपने...
Sunday, January 01, 2023
साहस ने साथ नहीं छोड़ा
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चाहे परिस्थितियां कितनी भी विकट क्यों न हों, चाहे मनुष्य ने कितनी ही बार पराजय का सामना क्यों न किया हो, साहस ही उसका साथ हमेशा देता है। पत...
भूमिपुत्र
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हो तपती धूप, या हो बदरी पेट भरे वो हर नगरी सींचे वो खेत लहू से भी भले वो प्यासा हो अध्-गगरी आभार है भूमिपुत्र का आभार है भूमिपुत्र का क...
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